्बेचैनिने मेरि निन्द चुरालि है
आखेँ बन्द कर्ता हु तो
दिलमे सजा हुआ तुमहारे
नैनो से गुफतगु कर्ने लग्ता हु
खिंजाँकि गुरुब-ए-आफ्ताबके
जर्फहै उस नैनो मे
खुदाने कजारे
अर्ज किया है उस नैनो मे
मखमूरको खम्रकी प्यास
बुझादे वो नैनोने
बेपायाँ ख्वाहि्शहै उस नैनोको
्कल्बमे मेह्फू्ज करु
और धडकनेसे तुमरे नाम गूँजता रहू